बेशक अल्लाह तआला अल अलीम,अल खबीर और और अल मुहीत.. है।
” अल अलीम,अल खबीर,अल मुहीत“
वह ज़ात जिस के ज्ञान ने ज़ाहिर व रहस्य,पोशीदा व घोषड़ा की हुयी,यक़ीनी व मुहाल और संभावित चीज़ों अथवा निचली और ऊपरी दुनिया को,और भूत,वर्तमान और भविष्य को घेरे हुये है,कोई भी चीज़ उस के ज्ञान से छुपी नहीं है।
”अल अलीम,अल खबीर“
{बेशक अल्लाह ही के पास क़यामत का इल्म है,वही बारिश करता है और माँ के गर्भ में जो है उसे जानता है,कोई नहीं जानता कि कल क्या कुछ कमायेगा,न किसी को यह मालूम है कि किस धरती पर मरेगा,याद रखो अल्लाह ही पूरे ज्ञान वाला और सच्चाई जानने वाला है“।}[लुक़मानः 34].
”अल्लाह तआला अल अलीम और अल मुहीत है“
{वह आसमानों और ज़मीन की सभी चीज़ों का ज्ञान रखता है और जो कुछ तुम छिपा रखो और जो ज़ाहिर करो वह जानता है,अल्लाह तो सीनों तक की बातों को जानने वाला है“।}[अŸाग़ाबूनः 4].
अल्लाह तआला हर चीज़ को जानता है.. {अल्लाह वह है जिस ने सात आकाश बनाये और उसी की तरह धरती भी,उस का हुक्म उन के बीच नाजि़ल होता है ताकि तुम जान लो कि अल्लाह हर चीज़ पर क़ादिर है,और अल्लाह ने हर चीज़ को अपने ज्ञान की परिधि मंे घेर रखा है“।}¿अŸालाक़ः 12].
और अल्लाह तआला ने फरमायाः {और अल्लाह ने हर चीज़ को अपने ज्ञान की परिधि मंे घेर रखा है“। {अŸालाक़ः 12}[अŸालाक़ः 12].
” बेशक अल्लाह तआला अल अलीम,अल खबीर और अल मुहीत है“