बेशक अल्लाह तआला अल वदूद है.. {और वह बड़ा माफ करने वाला और बहुत प्रेम करने वाला है“।}[अल बुरूजः 14].
अल्लाह तआला अपने बंदों से मुहब्बत करने वाला है,उन से मुहब्बत करता है,उन्हे अपने निकट करता है, उन्हें प्रसन्न करता है,और उन से प्रसन्न होता है.. {अल्लाह उन से प्रेम करता है और ये अल्लाह से प्रेम करते हैं“।}[अल माइदाः 54].
अल्लाह तआला उन्हें लोगों की मुहब्बत प्रदान करता है,फिर लोग उस सेे मुहब्बत करने लगते हैं और उन की बातें स्वीकारते हैं।
”अलवदूद“..
अल्लाह तआला क़रीब है अपने बंदों से, वह अपने बंदो से मुहब्बत करता है और उन के लिये भलाई चाहता है।
”अलवदूद“..
अल्लाह के बंदे अल्लाह तआला से मुहब्बत करते हैं और उस से मिलने के इच्छुक हैं,और हदीस में हैः «जो व्यक्ति अल्ला तआला से मुहब्बत करेगा वह अल्लाह तआला से मिलने का शौक़ीन होता है» (बुखारी).
”अलवदूद“.. अल्लाह तआला तुम्हें इस बात का आदेश देता है कि तुम अपने दिल को पविन्न रखो कीना कपट और नफरत से दिल को दूर रखो अथवा कीना कपट की गंदगी को पानी से धुल दो और हसद की आग को प्यार व मुहब्बत के ओले से बुझा दो।
बेशक अल्लाह तआला अल वदूद है..
”अलवदूद“... वह ज़ात है जो अपने नबियों,रसूलों,और उन की पैरवी करने और उन से मुहब्बत करने वालों से मुहब्बत करती है,अल्लाह तआला की ज़ात उन के निकट हर चीज़ से अधिक प्रिय है,उन के दिलों मंे अल्लाह की मुहब्बत भरी है और उन की जु़बानों पर अल्लाह तआला का जि़क्र है और उन के दिल प्यार,इख्लास,और हर एतबार से उस की ओर रूजू हो कर आस लगाये हुये हैं।