बेशक अल्लाह तआला अल क़ाहिर और अल क़ह्हार है..
वह इन्सान और जिन्नात पर ग़ालिब हैः {और वही अपने बंदों पर प्रभावशाली है और वही हिक्मत वाला,खबर रखने वाला है“।}[अल अनआमः 18].
”अल क़ह्हार“
अपनी बुलंदी,ज्ञान,एहाता,उपाय के ज़रिये मखलूक़ पर ग़ालिब है,इस लंबे चैड़े संसार मंे कोई भी चीज़ उस की आज्ञा और ज्ञान से बाहर नहीं है।
”अल क़ह्हार“
सर्कश और घमंडी लोगों को महान हुज्जतों और स्पष्ट दलीलांे के ज़रिये अकेले रब होने,माबूदे ह़क़ीक़ी होने और नामों एवं बुलंद विशेषताओं में यकता होने पर विजित(मगलूब)कर दिया।
”अल क़ह्हार“
ज़ालिम,सर्कश और घमंडियों को मग़लूब कर दिया,और क़यामत के दिन उन्हें उन की मरज़ी के विपरित विजित(मग़लूब) बना कर इकðा करेगा। {और सभी के सभी एक अल्लाह ज़बरदस्त के सामने होंगे“।}
[इब्राहीमः 48].
”अल क़ह्हार“
अल्लाह तआला ही की मरज़ी चलती है,मखलूक़ मंे से कोई उस की मरज़ी को रद्द नहीं कर सकता चाहे वह कितना ही महान क्यों न हो,वह अपनी कारीगरी में नायाब और अनोखा है,शक्तिमान लोग चाहे जितने वसाइल और साधन जुटालें वे आजिज़ ही रहेंगे,और उस की कारीगरी की प्रशंसा करने मंे ज़ुबानें गूँगी समझी जायेंगी चाहे जितनी अच्छाइयाँ और विशेषतायें उन में पाई जायें।
बेशक अल्लाह तआला अल क़ाहिर और अल क़ह्हार है..