बेशक अल्लाह तआला अल क़ाबिज़(तंगी करने वाला) और अल बासित(कुशादगी करने वाला) है..
”अल्लाह तआला अल क़ाबिज़ है“
वह कुछ क़ौमों की रोज़ी तंग कर देता है ताकि उन की परिक्षा ले,और कुछ की रोज़ी रोक लेता है ताकि उन्हें विजित(मगलूब) करे,और कुछ क़ौमों की रोज़ी को महफूज़ रखता है ताकि उन के दरजों को ऊँचा करे।
”अल्लाह तआला अल बासित है“
अल्लाह तआला रोज़ी कुशादा करता है,और दिलों के ज्ञान में भी कुशादगी करता है,और यह सब उस की हिक्मत,दयालुता,उस के करम और उस की उदारता के तक़ाज़ा अनुसार हैं।
बेशक अल्लाह तआला अल क़ाबिज़(तंगी करने वाला) और अल बासित(कुशादगी करने वाला) है..