बेशक अल्लाह तआला अल अली,अल आला और अल मुतआल है..
” अल अली,अल आला और अल मुतआल“
अल्लाह तआला के लिये हर प्रकार की बुलंदी है,ज़ाती बुलंदी,शक्ति और विशेषताओं की बुलंदी,और गलबा पाने की बुलंदी है
{और वह तो बहुत महान और बहुत बड़ा है“।}[अल बक़राः 255].
अल्लाह तआला अर्श पर मुस्तवी है,और वह महानता,बड़ाई,प्रतापवान,सुंदरता की विशेषताओं और अधिकतर पूर्णता से मुत्तसिफ है,और ये सारे कमाल उसी पर खतम हैं।
”अल अली,अल आला“
अल्लाह तआला हर उस अैब से बुलंद व बाला है जो उस की शान के योग्य नहीं,और वह हर प्रकार की कमी और संदेह से दूर है,वह अपनी ज़ात,विशेषताओं,और ग़लबा के ज़रिये बुलंद व बाला है,अर्थात अल्लाह तआला अधिकतर महान है।
बेशक अल्लाह तआला अल अली,अल आला और अल मुतआल है..