बेशक अल्लाह तआला अल वारिस है.. {और हम ही जिलाते और मारते हैं,और हम ही वारिस हैं“।}[अल हिज्रः 23].
”अल वारिस“
वह धरती और धरती की सब चीज़ों का वारिस है,और अल्लाह तआला के अतिरिक्त कोई चीज़ बाक़ी रहने वाली नहीं है।
”अल वारिस“
वह अपनी मखलूक़ के फना हो जाने के बाद अपनी बादशाहत की पूर्णता के कारण बाक़ी रहने वाला है,क्योंकि सब बादशाहतें उसी की मुहताज हैं। वह ज़ालिमों अहंकारियों और सरकशों को यह कह कर डराता है कि उन्हें अल्लाह तआला ही की ओर लौटना है,इस लिये कि वही सत्य वारिस है।
”अल वारिस“
अल्लाह तआला अपने बंदों को अपनी राह में खर्च करने पर उभारता है,क्यांेकि धन आरज़ी है और आयु खतम होने वाली, और सब लोगों को बाक़ी रहने वाले अल्लाह की ओर लौटना है।
”अस्समी अल बसीर“..
वह तेरी बातें सुनता है,तो अपना हिसाब स्वयं लो,वह तुम्हारी प्रार्थना सुनता है तो तुम उस के सामने गिड़गिड़ाओ,वह तुम्हारे आमाल को देखता है,कोई छोटी सी छोटी चीज़ उस से छुपी नहीं है,इस लिये अच्छे कार्य करो,निःसंदेह अल्लाह तआला अच्छे कार्य करने वालों को प्रिय रखता है।”अल वारिस“
वह अपने बंदों को अपनी नाशुक्री से रोकता है,क्यांेकि नेमत उसी की ओर से है और नेमतांे को उसी की ओर लौटना है।
”अल वारिस“
धरती और धरती में पाई जाने वाली सब चीज़ों का वह मालिक है,और हर एक चीज़ को अतिरिक्त उस के खतम होना है,तो उसी की ज़ात बाक़ी रहने वाली हुयी और वही असली वारिस हुआ। {और हम ही हैं सब कुछ के वारिस“।[अल क़ससः 58].
बेशक अल्लाह तआला ही अल वारिस है..