बेशक अल्लाह तआला अस्सलाम है..
अल्लाह तआला अस्सलाम है और उसी से शांति है कोई व्यक्ति उस की ओर से मिलने वाली शांति के बिना शांति से नहीं रह सकता और कोई भी कामयाबी उस की ओर से मिलने वाली तौफीक़ के बिना पूरी नहीं हो सकती है।
बेशक अल्लाह तआला अस्सलाम है
वह हर कमी और हर अैब से महफूज़,और संसार को मुसीबतों और आफतों से बचाने वाला है
बेशक अल्लाह तआला अस्सलाम है
अल्लाह तआला की विशेषतायें सृष्टि समान नहीं हैं, वह हर प्रकार की कमी और कोताहियों से संरक्षित हैं,उस का ज्ञान पूर्ण और संरक्षित है,उस का न्याय हर चीज़ को घेरे हुये अथवा संरक्षित है,उस का फैसला संरक्षित है,उस की कारीगरी संरक्षित है,वह अस्सलाम है,उसी से शांति है वह बरकत,महिमा और सम्मान वाला है।
अल्लाह तआला ने अपने बंदों के लिये दोनों संसार में शांति लिख दी है। {इब्राहीम पर सलाम हो“।}[अस्साफ्फातः 109].
{मूसा और हारून पर सलाम हो“।}
[अस्साफ्फातः 120].
{और पैग़म्बरों पर सलाम हो“।}
[अस्साफ्फातः 181].
और प्रलोक में अल्लाह तआला कहेगाः {सलामती और अमन के साथ उस में दाखिल हो जाओ“।}[अल हिज्रः 46].
अस्सलाम
संपूण शांति जिस के पश्चात कोई डर नहीं और संपूर्ण क्षमा जिस के बाद कोई भय नहीं।
वही शांति है और उसी से शांति है।
बेशक अल्लाह तआला अस्सलाम है..