अल्लाह जो महान है..प्रशंसा और इबादत के योग्य है..
सातों आकाश और धरती और जो कुछ उन में है उसी की महिमागान (तस्बीह़) करती हैं
रात और जो कुछ उस में है,दिन और प्रकट, ज़मीन और समुद्र .. हर चीज़ उस की प्रशंसा के साथ उस की महिमागान (तस्बीह़) और उस की पवित्रता (पाकीज़गी) बयान करती है। {अल्लाह तआला ने कहाः ”ऐसी कोई चीज़ नहीं जो पाकीज़गी और बड़ाई के साथ उसे याद न करती हो। हाँ यह सत्य है कि तुम उस की महिमागान (तस्बीह़) समझ नहीं सकते“।
[अल इस्राः44].”अल्लाह“ की ज़ात सब से अधिक जानी पहचानी है उसे पहचनवाने की आवश्यक्ता नहीं... दिलों को उस की ज़ात का ज्ञान है,उस के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिये रूहें आजज़ी ज़ाहिर करती हैं.
”अल्लाह“ की ओर दिल झुकते हैं और रूहें उस से क्षमा की आशा करती हैं और पराणी उस के वर्णन (जि़क्र) से प्रसन्न होते हैं।
”अल्लाह“ ने भारग्रस्तों (मुकल्लफ बंदों) के दिलों में टूटना, बिखरना और फितरी तौर पर मुहताजी डाल दी है जिस से बंदे को छुटकारा नहीं मगर जब बंदा सर्वशक्तिमान अल्लाह पर भरोसा करले।
”अल्लाह“ उस ज़ाते इलाही का नाम है जिस में संपूर्ण अच्छी विशेषतायें पाई जाती हैं।
बंदे को एक ऐसे जायपनाह (पनाह स्थल) की आवश्यक्ता है जो उसे परेशानियों में पनाह दे और बंदे को इसी हालत पर पैदा किया गया है,इस लिये वह अपने रब का हर समय और हर हाल में मुहताज है,बंदा शक्तिमान अल्लाह की प्रसन्नता की कोशिश करता है क्योंकि वह अल्लाह से मुलाक़ात करने वाला है।
जब बंदा (केवल) अल्लाह का मुहताज होता है और अपने कर्तब्य को निभाता है,और जो कुछ अल्लाह के पास है उस पर यक़ीन करता है अथवा धैर्य रखता है तो अल्लाह तअलाला उसे सृष्टि का इमाम बना देता है फिर वह ऐसा इमाम बन जाता है जिस की बात मानी जाती है। {और हम ने उन में से,चूंकि उन लोगों ने सब्र किया ऐसे अगुवा बनाये जो हमारे आदेश से लोगों की हिदायत करते थे और हमारी आयतों पर यक़ीन रखते थे“।}[अस्सज्दाः 24]
यही वजह है कि अल्लाह तआला ने धैर्य (सब्र) और यक़ीन को दीन में इमामत का कारण बना दिया है।
पैदा किये जाने वालों (मखलूक) का तअल्लुक़ सर्वशक्तिमान पैदा करने वाले के साथ जोड़ दिया गया है इसी प्रकार लोगों को इस स्थिति (कैफियत) पर पैदा किया गया है कि वह अपने ऊपर उपकार करने वाले अधिकतर प्रतिष्ठत से प्रेम करें और वह सर्वशक्तिमान अल्लाह है।
ईमान के अतिरिक्त हर एक मार्गव्यय (तोशा) खतम हो जायेगा,और अल्लाह तआला के इलावा हर एक सहायता और सहारा टूट जायेगा।ज्ञान का सम्मान विदित (मालूम) के सम्मान से जाना जाता है,और सर्वशक्तिमान रब,उस की विशेषताओं,उस के नामों,उस की बुद्विमत्ता (हिक्मत)और मखलूक़ पर उस के हक़ से श्रेष्ठ कोई चीज़ नहीं है,यही कारण है कि तौहीद दीन की सब से महत्वपूर्ण चीज़ है और कु़रआने करीम के एक तिहाई हिस्से में स्पष्ट रूप् से तौहीद का बयान है।
अल्लाह तआला जो सर्वशक्तिमान है,उस ने अपनी पैदा की हुयी हर चीज़ में अपने वजूद अपनी एकता,पूर्णता,महिमा और महानता की निशानी रख दी है,बल्कि इन दलीलों में गौरो फिक्र करने का आदेश दिया है,और हमें बतलाया है कि यह अक्लमंदों एवं बुद्विमानों के लिये निशानियाँ हैं जो ज्ञानी,जानकार और सोच विचार करने वाले हैं।
मुनासिब होगा कि अल्लाह की किताब की कुछ आयतों पर सरसरी निगाह डालें जो अक्लमंदों और बुद्विमानों को (केवल) एक बेनियाज़ अल्लाह पर ईमान लाने की ओर बुलाती हैं।
{और यक़ीन करने वालों के लिये तो धरती में बहुत सी निशानियाँ हैं और खुद तुम्हारे अस्तित्व (वजूद) में भी,क्या तुम नहीं देखते हो“।}
[अज़्ज़ारियातः20-21],
और अल्लाह तआला ने कहाः {आप कह दीजिये कि तुम ख्याल करो कि क्या-कया चीजें़ आकाशांे और धरती में हैं।}
[यूनुसः 101],
और अल्लाह तआला ने कहाः
{निःसंदेह तुम्हारा रब अल्लाह ही है जिस ने छः दिनों में आकाशांे और धरती को पैदा कर दिया फिर अर्श पर क़ायम हुआ,वह हर काम का इन्तिज़ाम करता है,उस की इजाज़त के बिना उस के पास कोई सिफारिश करने वाला नहीं,ऐसा अल्लाह तुम्हारा रब है तो तुम उस की इबादत करो,क्या तुम फिर भी नसीहत हासिल नहीं करते?तुम सब को अल्लाह ही के पास जाना है,अल्लाह ने सच्चा वादा कर रखा है,निःसंदेह वही पहली बार पैदा करता है,फिर वही दोबारा पैदा करेगा ताकि ऐसे लोगों को जो कि ईमान लाये और उन्हांेने नेकी के कार्य किये,इन्साफ के साथ बदला दे, और जिन लोगों ने कुफ्र किया उन के लिये खौलता हुआ पानी पीने को मिलेगा और दुखदायी अज़ाब होगा उन के कुफ्र के कारण,वह(अल्लाह तआला) ऐसा है जिस ने सूरज को चमकता बनाया और चाँद को रोशन बनाया और उस के लिये स्थान मुक़र्रर किये ताकि तुम सालों का हिसाब कर सको और हिसाब को जान लो अल्लाह तआला ने यह सभी चीज़ें बेकार नहीं पैदा कीं यह सबूत इन्हंे साफ बता रहा है जो अक़्ल रखते हैं,बेशक रात -दिन के एक दूसरे के बाद आने में और अल्लाह तआला ने आकाश और धरती में जो कुछ पैदा कर रखा है उन सब में उन लोगों के लिये सबूत हैं जो अल्लाह का डर रखते हैं“।}[यूनुसः 3-6],
और अल्लाह तआला ने कहाः {बेशक आसमानों और ज़मीन के बनाने में और रात-दिन के हेर-फेर में यक़ीनन अक़्ल वालों के लिये निशानियाँ हैं,जो अल्लाह (तआला) का जि़क्र खडे़,बैठे और अपनी करवटों पर लेटे हुये करते हैं और आसमानों और ज़मीन की पैदाइश पर विचार करते हैं (और कहते हैं) कि हे हमारे रब! तू ने यह सब बिना फायदे के नहीं बनाया,तू पाक है,बस तू हमें आग के अज़ाब से बचा ले“।}[आले इमरानः 190-191],
और अल्लाह तआला ने कहाः {और खुद तुम्हारे जन्म में और जानवरों को फैलाने में यक़ीन रखने वाले समुदाय (कौ़म) के लिये बहुत सी निशानियाँ हैं“।}[अल जासियाः 4]
और अल्लाह तआला ने कहाः {क्या उन्हों ने धरती में सैर करके नहीं देखा जो उन के दिल इन बातों को समझते या कानों से ही इन (घटनाओं) को सुन लेते“।}[अल हज्जः 46],
और अल्लाह तआला ने कहाः {क्या उन्हांे ने आकाश को अपने ऊपर नहीं देखा कि हम ने उसे किस प्रकार बनाया है और उसे शोभा दी है? उस में कोई दरार नहीं“।}[क़ाफः 6],
और अल्लाह तआला ने फरमायाः {यह है पैदाइश अल्लाह की जिस ने हर चीज़ को मज़बूत बनाया है“।}[अन्नमलः 88],
और अल्लाह तआला ने कहाः {बेशक इस में अक़्लमंदों के लिये बहुत सी निशानियाँ हैं“।}
[ताहाः 54].