ऐ मेरे बंदो..
नबी ने हदीसे कु़दसी में बयान किया कि सर्वशक्तिमान अल्लाह कहता हैः «ऐ मेरे बंदो! मैंने ज़ुल्म को अपने ऊपर हराम किया है और मैंने तुम्हारे लिये भी ज़ुल्म को हराम कर दिया है,तो तुम आपस में एक दूसरे पर अन्याय न करो, ऐ मेरे बंदो! तुम सब पथभ्रष्ट हो मगर जिस को मैं मार्ग दर्शन दूँ,अतः मुझ से मार्ग दर्शन की याचना करो मैं तुम को मार्गदर्शन दूँगा। ऐ मेरे बंदो! तुम सब भूके हो मगर जिस को मैं खाना खिलाउँ,मुझ से माँगो मैं तुम को खिलाउँगा। ऐ मेरे बंदो! तुम सब नंगे हो मगर मैं जिस को पहनाउँ,मुझ से वस्त्र मांगो मैं तुम को वस्त्र दूँगा,ऐ मेरे बंदो! तुम सब रात दिन गुनाह करते हो और मैं सब गुनाहों को क्षमा कर देता हूँ,अतः मुझ से क्षमा याचना करो मैं तुम्हें क्षमा करूँगा। ऐ मेरे बंदो! अगर तुम मुझ को हानि पहुँचाना चाहो तो मुझ को हानि नहीं पहुँचा सकते और अगर तुम मुझ को लाभ पहुँचाना चाहो तो मुझ को लाभ नहीं पहुँचा सकते। ऐ मेरे बंदो! तुम्हारे अगले तथा पिछले इन्सान और जिन्न सब के सब पविन्न दिल हो जायें तो मेरे राज्य में कुछ भी बढ़त न होगी। ऐ मेरे बंदो! तुम्हारे अगले तथा पिछले इन्सान और जिन्न सब के सब बुरे दिल वाले हो जायें तो मेरे राज्य में कुछ भी कमी न होगी। ऐ मेरे बंदो! तुम्हारे अगले तथा पिछले इन्सान और जिन्न सब के सब एक मैदान में एकन्न हो जायें और मुझ से मांगें और मैं सब को वह चीज़ दूँ जिसे वह माँग रहा है तो जो कुछ मेरे पास है उस में कोई कमी न होगी,किन्तु बस उतनी जितनी समुद्र में सूई डाल कर निकाल लेने से समुद्र के पानी में कमी आ जाती है। ऐ मेरे बंदो! यह तो तुम्हारे ही कर्म हैं जिन को मैं तुम्हारे लिये गिनता रहता हुँ फिर तुम्हें उन का पूरा पूरा अच्छा बदला दूँगा,अतः जो अच्छा बदला पाये वह अल्लाह की प्रशंसा करे और जो इस के विपरित(बुरा बदला) पाये तो वह केवल अपने आप को कोसे (मलामत) करे।» (मुस्लिम)
अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजिअल्लाहु अन्हुमा बयान करते हैं कि एक दिन मैं नबी के पीछे सवार था,आप ने फरमायाः «ऐ लड़के मैं तुम्हें कुछ बातें सिखाता हूँ, अल्लाह के आदेश का पालन करो वह तुम्हारी रक्षा करेगा,और जब मांगना तो केवल अल्लाह से मांगना और जब सहायता मांगना तो केवल उसी से मांगना। और यह विश्वाय रख कि अगर सारा संसार तुझ को लाभ पहुंचाना चाहे तो तनिक भी लाभ नहीं पहुंचा सकता मगर वही जो अल्लाह ने तेरे भाग्य में लिख दिया है। और अगर सारा संसार तुझ को हानि पहुंचाने पर तुल जाये तो वह तुझे हानि नहीं पहुंचा सकते मगर वही जो अल्लाह ने तेरे भाग्य में लिख दिया है। क़लम उठा लिये गये तथा सहीफे (भाग्य ग्रन्थ) सूख गये,(अर्थात जो कुछ भाग्य में है वह लिखा जा चुका,उस में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं होगा।» (त्रिमिज़ी).
जो अल्लाह को जितना अधिक जानेगा उतना अधिक वह अल्लाह से डरेगा भी।